अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd) – हिन्दी व्याकरण
हिंदी भाषा अत्यंत समृद्ध और लचीली है | इसमें ‘कई ऐसे शब्द है जिनके एक से अधिक अर्थ होते है | ऐसे शब्दों को अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd) कहते है‘
‘अनेक’ का अर्थ होता है ‘कई’ और ‘अर्थी’ का अर्थ होता है ‘अर्थ रखने वाला’ | अर्थात वे शब्द जिनके अनेक अर्थ होते है उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते है
इन शब्दों का अर्थ वाक्य में उनकी स्थिति और प्रयोग पर निर्भर करता है | यह विषय न केवल कक्षा 10 और 12 के लिए बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
अनेकार्थी शब्द की परिभाषा| Anekarthi Shabd kise kahate hai
वे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ हों, उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते हैं। इन शब्दों का अर्थ वाक्य और प्रयोग की स्थिति पर निर्भर करता है।
उदाहरण:
हार शब्द का अर्थ हो सकता है – माला (जैसे फूलों की हार), या पराजय (जैसे युद्ध में हार)।
वाक्य के अनुसार अर्थ समझा जाता है।
🎯 अनेकार्थी शब्दों का महत्व
हिन्दी भाषा में अनेकार्थी शब्द विशेष स्थान रखते हैं।
ये भाषा को अधिक प्रभावशाली, संक्षिप्त और गहराई वाला बनाते हैं।
बोर्ड परीक्षा (कक्षा 10वीं और 12वीं) में अक्सर इन पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं (SSC, UPSC, UPSSSC, CTET आदि) में यह एक सामान्य टॉपिक है।
📋 अनेकार्थी शब्दों के उदाहरण | Anekarthi Shabd ke Udaharan
**नयन** – आँख, ध्यान
**पंख** – पंछी का अंग, पंखा
**कमल** – फूल, सुंदरता का प्रतीक
**धन** – पैसा, गुण, संतान
**मुख** – चेहरा, प्रवेश द्वार
**जल** – पानी, जलाना (क्रिया)
**कला** – प्रतिभा, चंद्रमा की कलाएँ
**हार** – गहना, पराजय
**भू** – पृथ्वी, भूख
**दृष्टि** – नज़र, सोच, विचार
नील – रंग (नीला), एक प्रकार का पौधा
कल – बीता हुआ दिन, भविष्य का दिन
जल – पानी, जलाना (क्रिया)
कान – श्रवण अंग, खेत की बालियाँ
हार – माला, पराजय
फल – परिणाम, खाने योग्य वस्तु
अग्नि – आग, अग्निदेव (देवता)
लेख – लेखन, किसी भूमि पर दावा
पंख – पक्षी के पंख, पंखा
नयन – आँख, प्रेमी
पत्र – पत्ता, चिट्ठी
रूप – सौंदर्य, स्वरूप/आकार
तारा – आकाशीय पिंड, अभिनेत्री
राम – भगवान राम, कोई भी व्यक्ति (सामान्य नाम)
माया – भ्रम, धन
ग्रह – घर, नौ ग्रह (ज्योतिषीय)
भू – पृथ्वी, भूखा
लोक – संसार, जनसामान्य
अश्व – घोड़ा, सूर्य
धन – संपत्ति, धनुष
कोष – खजाना, शब्दकोश
जल – तरल पदार्थ, जलाना (क्रिया)
मान – सम्मान, अभिमान
चर – चरवाहा, चलने वाला
जाति – वंश, प्रजाति
व्रत – नियम पालन, संकल्प
अंश – भाग, अंशधारक
योग – मिलन, योगाभ्यास
देश – राष्ट्र, दिशा
काल – समय, यमराज
जीवन – ज़िन्दगी, जल (संस्कृत में)
लोचन – नेत्र, दर्शक
सूर्य – ग्रह, प्रकाश का स्रोत
वायु – हवा, वायुदेवता
भूगोल – पृथ्वी का अध्ययन, स्थान विशेष
पद – स्थान, कविता की पंक्ति
नियम – कानून, परंपरा
राजा – शासक, श्रेष्ठ व्यक्ति
सिंह – शेर, नाम (व्यक्ति या स्थान)
गीता – धर्मग्रंथ, किसी स्त्री का नाम
चरण – पाँव, कविता का भाग
मुख – मुँह, प्रवेश द्वार
खग – पक्षी, आकाश में उड़ने वाला
रस – स्वाद, भाव
दीप – दिया, नाम
कली – फूल की कली, युवती
ध्वनि – आवाज़, संकेत
अंक – संख्या, गोद
पीत – पीला रंग, विष्णु का नाम
रथ – वाहन, युद्ध उपकरण
भाग – हिस्सा, किस्मत (भाग्य), दौड़ना
अर्थ – मतलब, धन, उद्देश्य
उत्तर – जवाब, दिशा (उत्तर दिशा), उत्तराधिकार (उत्तराधिकारी)
🔸 अनेकार्थी शब्द vs. पर्यायवाची शब्द (Anekarthi aur Payaywachi shabd me antar)
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अनेकार्थी शब्द: एक शब्द के कई अर्थ
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पर्यायवाची शब्द: एक अर्थ के कई शब्द
उदाहरण:
नयन (अनेकार्थी): आँख, प्रेमी
आँख (पर्यायवाची): नयन, नेत्र, लोचन
📚 प्रतियोगी परीक्षाओं में उपयोग
परीक्षा में इस प्रकार प्रश्न पूछे जाते हैं:
प्रश्न 1:
वाक्य: उस योद्धा को युद्ध में हार मिली।
सही अर्थ: यहाँ ‘हार’ का अर्थ है ‘पराजय’।
प्रश्न 2:
वाक्य: माँ ने बेटे को फूलों की हार पहनाई।
सही अर्थ: यहाँ ‘हार’ का अर्थ है ‘माला’।
इस प्रकार वाक्य में अर्थ को समझना महत्वपूर्ण है।
📝 अभ्यास सुझाव
छात्रों को रोज 5–10 अनेकार्थी शब्दों को लिखना चाहिए, उनके विभिन्न अर्थों को जानना चाहिए और वाक्य बनाकर उनका अभ्यास करना चाहिए।
इससे उनकी भाषा पर पकड़ मजबूत होगी और परीक्षा में अच्छे अंक मिलेंगे।
🔚 निष्कर्ष
अनेकार्थी शब्द हिन्दी भाषा की सुंदरता को दर्शाते हैं। इनका सही उपयोग भाषा को प्रभावशाली और रोचक बनाता है। छात्रों को चाहिए कि वे इन शब्दों का अभ्यास करें और उनके विभिन्न अर्थों को समझें।
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